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回复:老天哪。 好家伙,看了这么久,僧达说的对呵,关键在谁在说:呵呵,真的参差不一哦。 坦率的说:我的语文学的也不好,更别说论语:(。而且基本同意那句,这是一个不尊重语文的年代,或者这种不尊重同时推动着语文随同社会前行的同步性。语言本身是为人服务的,不是吗?(哈,特别说明,不是因为俺语文不好才这么说:)。) 不过,俺觉得:选择性接受吧,也不是她说嘛就是嘛啦。于的一些观点,尚有其可接受之处。 再说呢。由于于丹,《论语》再一次被关注,或者并不是一件好事,管它是不是有关系之类,纯学术的那些可能更接近《论语》本身,可是,没人关注也是白的。 嘿,再说一次,俺只是个人看法,和学术一点边也不粘哈。 |
| zkoct | 3243 | 02-22 13:16 | ||
|---|---|---|---|---|---|
| 僧达先生 | 220 | 02-18 02:32 | ||
| 柳下居士 | 259 | 02-18 02:56 | ||
| 124.196.162.* | 264 | 02-18 02:57 | ||
| 124.196.162.* | 252 | 02-18 02:58 | ||
| 124.196.162.* | 279 | 02-18 02:59 | ||
| 124.196.162.* | 237 | 02-18 03:00 | ||
| 124.196.162.* | 233 | 02-18 03:02 | ||
| 124.196.162.* | 219 | 02-18 03:04 | ||
| 124.196.162.* | 285 | 02-18 03:05 | ||
| 124.196.162.* | 256 | 02-18 03:07 | ||
| 124.196.162.* | 217 | 02-18 03:08 | ||
| 124.196.162.* | 284 | 02-18 03:09 | ||
| 124.196.162.* | 247 | 02-18 03:16 | ||
| 124.196.162.* | 255 | 02-18 03:17 | ||
| 124.196.162.* | 290 | 02-18 03:19 | ||
| 124.196.162.* | 216 | 02-18 03:21 | ||
| 124.196.162.* | 222 | 02-18 03:22 | ||
| 124.196.162.* | 229 | 02-18 03:23 | ||
| 124.196.162.* | 340 | 02-18 03:25 | ||
| 124.196.162.* | 261 | 02-18 03:27 | ||
| 124.196.162.* | 237 | 02-18 03:28 | ||
| 124.196.162.* | 227 | 02-18 03:38 | ||
| 124.196.162.* | 256 | 02-18 03:41 | ||
| 124.196.162.* | 230 | 02-18 03:42 | ||
| 124.196.162.* | 262 | 02-18 03:43 | ||
| 124.196.162.* | 214 | 02-18 03:46 | ||
| 124.196.162.* | 249 | 02-18 03:47 | ||
| 124.196.162.* | 261 | 02-18 03:50 | ||
| 124.196.162.* | 320 | 02-18 03:51 | ||
| 124.196.162.* | 264 | 02-18 03:52 | ||
| 124.196.162.* | 245 | 02-18 03:53 | ||
| 124.196.162.* | 223 | 02-18 03:55 | ||
| 回复:谈易中天、于丹现象[34楼] | 124.196.162.* | 268 | 02-18 03:56 | |
| 124.196.162.* | 228 | 02-18 03:58 | ||
| 124.196.162.* | 234 | 02-18 03:59 | ||
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| 124.196.162.* | 246 | 02-18 04:12 | ||
| 124.196.162.* | 262 | 02-18 04:14 | ||
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| 124.196.162.* | 270 | 02-18 04:18 | ||
| 124.196.162.* | 248 | 02-18 04:19 | ||
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| 回复:了解《论语》读哪些书[49楼] | 124.196.162.* | 280 | 02-18 04:28 | |
| 124.196.162.* | 283 | 02-18 04:29 | ||
| 124.196.162.* | 256 | 02-18 04:31 | ||
| 124.196.162.* | 246 | 02-18 04:41 | ||
| 124.196.162.* | 229 | 02-18 04:47 | ||
| 124.196.162.* | 291 | 02-18 04:51 | ||
| 124.196.162.* | 276 | 02-18 04:53 | ||
| 124.196.162.* | 265 | 02-18 04:54 | ||
| 124.196.162.* | 279 | 02-18 04:58 | ||
| 124.196.162.* | 335 | 02-18 04:59 | ||
| 124.196.162.* | 271 | 02-18 05:04 | ||
| 124.196.162.* | 300 | 02-18 05:05 | ||
| 124.196.162.* | 242 | 02-18 05:07 | ||
| 124.196.162.* | 239 | 02-18 05:09 | ||
| 124.196.162.* | 276 | 02-18 05:11 | ||
| 124.196.162.* | 262 | 02-18 05:14 | ||
| 回复:这本书我看了[65楼] | 清秋月影 | 230 | 02-18 08:51 | |
| 回复:你简单[66楼] | zkoct | 239 | 02-18 10:22 | |
| 回复:僧达兄显然一直都看着呢[67楼] | zkoct | 246 | 02-18 10:24 | |
| 回复:老天哪。[68楼] | 骄阳如炽 | 230 | 02-20 18:12 | |